Thursday, February 24, 2011

आखिर क्या रखा है नाम में

वो कहते हैं



नाम में रखा है क्या ?


आँख का अंधा नाम नयनसुख


रख ले भी तो क्या ?



कि नाम है किरोड़ीमल


पर पैसे को तरसते हैं .


देखो दीनदास हाथी पे


मौज कर चलते हैं .



पर पूछते है मुझसे वो


कहता जो रावण उनको .


कि कौन सी मैं दुश्मनी


रहा हूँ निभा ?




अजय अमिताभ सुमन


उर्फ


बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

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