Friday, April 22, 2011

मिलले शराबी सैयां

शेर : शराब के नशवे में झुमेला ई दुनिया

सब कुछ बरबाद भईल बुझे ना ई दुनिया
“आशावादी” कहे की अबहूँ से सोचअ तू
शराबी   के    घर घर   में रोए दुलहिनिया.


गीत: मिलले शराबी सैयां , इज्जत के नाश कईले
ए सखिया हे , सारा घर भईले बरबाद नु ए राम

नशवे में चूर रहस , गरिए से बात करस
ए सखिया हे, मीठी बोली खतिर मनवा तरसेला ए राम

गहना गुड़ियावा सब , खेते जायदाद बेचे
ए सखिया हे, गोदी के बालकवा कईसे जी ही नु ए राम


सावन भदउवा जईसे , बरसे नएनवा मोर
ए सखिया हे, आंखिया के लोरवा कभी ना सुखेला ए राम


कुहुकी कुहुकी चिरई , पिंजरा में रोवतारी
ए सखिया हे, पियवा के बोलिया गोलिया मरेला ए राम


“श्रीनाथ आशावादी” रोई रोई गीत लिखे
ए सखिया हे, कब होई बहुअन के उद्धार नु ए राम



“श्रीनाथ आशावादी”