Saturday, April 9, 2011

ये पैसा हाय





















पैसे   के    पीछे     तू खुद     को इतना क्यूँ भगाए .

इस     पैसे      ने   देखो तुझको कैसे दिन दिखाए .


गद्दे    मखमली     घर    तेरे    पर  नींद तुझे सताए
नेट-मोबाइल   हाथों    में पर  , दोस्त नहीं घर आए.

बना  लिए   घर   इतने सारे , और कितने मकान.
पर    रहते     इनमे   तुम ऐसे , जैसे एक मेहमान .


फ्रिज    टी.   वी.     कार     आदि ,  भोगे सारे सुख .
लुटा    दिए    तुमने      सारे ,    इनपे पेट की भूख .


म्यूजिक सिस्टम अनगिनत पर गीत नहीं हैं भाते .
ह्रदय रोग    डाईबीटीज     आदि     तुम्हें बहुत सताते .


तेरे पैसे से    आते     मेवा   पर खाते नौकर चाकर .
और तुझे    टेबलेट    ईन्जेक्सन देते डाक्टर आकर .


तेरा   जीवन    उत्पीड़न चिंता ,गम दुःख और हाय.
बेनाम   हितैषी     तेरा     तुझको , सुझा    रहा उपाय .


ये पैसा हीं इनके पीछे , ये सब इसका हीं है काम,
हर लूँ तेरे दुःख सारे कि मुझको दे दो पैसे तमाम .




अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी