बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
पिता श्रीनाथ आशावादी और पुत्र बेनाम कोहड़ाबाज़ारी की रचनाएँ.
Thursday, March 24, 2011
जवानों की होली
जवानों के संग
मचे मस्ती का रंग
धर पकड़ यहाँ
वहाँ भी हुरदंग
वहाँ भी हुरदंग है
जवानों की आग
पानी पड़े ज्यों ज्यों
ये बढ़ती जाती प्यास
बढ़ती जाती प्यास
कि जवानों के संग
डालो रंग गोरी के
पकड़ अंग अंग
अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)