Monday, November 7, 2011

मौन व्रत


नहीं धारण कर सकता मौन व्रत मैं
सोमवार से शनिवार तक
ऑफिस में 
रोजी का सवाल है

और

रविवार को घर पे
दिनभर
रोटी का जंजाल है  


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी



स्त्री और पुरुष

















 

दो भिन्न प्रजाति
भिन्न शरीर
भिन्न भाव
भिन्न भाषा
भिन्न आशा
भिन्न अभिलाषा

कहते नहीं मन की बात.
समझते नहीं अनकही बात  

फिर भी
साथ रहे बिना रह नहीं सकते

और
साथ लड़े बिना चल नहीं सकते


कुत्ते और बिल्ली सा है
संबंध  
स्त्री और पुरुष का


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी