बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
पिता श्रीनाथ आशावादी और पुत्र बेनाम कोहड़ाबाज़ारी की रचनाएँ.
Wednesday, March 9, 2011
नशा-ए–मंजिल
ख्वाहिश-ए-मंजिल है जायज़ बेनाम , मजा तो तब है .
लुत्फ़-ए सफर में असर हो , नशा-ए–मंजिल का .
अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
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