बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
पिता श्रीनाथ आशावादी और पुत्र बेनाम कोहड़ाबाज़ारी की रचनाएँ.
Saturday, September 22, 2012
वार्तालाप
विवाहित मित्र : घर जाने की इतनी जल्दी क्यों है , घर जाकर क्या करोगे ?
तलाक शुदा मित्र : तो तुम घर जाकर कर हीं क्या लेते हो ?
अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम
कोहड़ाबाज़ारी
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