Saturday, September 22, 2012

वार्तालाप


विवाहित मित्र : घर जाने की इतनी जल्दी क्यों है , घर जाकर क्या करोगे ?

तलाक शुदा मित्र : तो तुम घर जाकर कर हीं क्या लेते हो ?



अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी