Monday, April 25, 2011

एक बस ड्राईवर
























किस किस की नज़र को हम देखें

हम सबकी नजर में रहते हैं
किस्मत ही ऐसी पाई है
हर वक्त सफर में रहते हैं






अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला




शेर : परिवार बनेला बहू के प्यार देला से

ससुरार सजेला दुलहिन के दुलार देला से
“आशावादी” के रउआ बतिया समझ ली
घर में बहार आए बहू के सत्कार देला से .


गीत: काहे दूँ बलमुआ सखी बड़ा मन भाएला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला

ससुर हउअन बाबूजी आ सास महतारी
छोटकी ननदिया हीय जनवो से प्यारी
गोदी के बालकवा के बोली मीठ लागेला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला


छोटका देवरा के बतिया निराला
हँसी हँसी बात करे मन मुसकला
बलमा के देखि देखि मन मुसकाएला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला


हम हंई सीताजी बलमुआ ह रामजी
हमरो जिनीगिया के उहे भगवानजी
प्रेमवा के नदिया में मनवा नहाएला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला


घरवा बहारेनी त भोरे के किरीनियाँ
अंगना में छिड्केले सोनवा के पनिया
“श्रीनाथ आशावादी” बड़ा मन लागेला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला



“श्रीनाथ आशावादी”






जानवर जानवर होता है



जानवर जानवर होता है

दूसरों का दिया हुआ नाम नहीं होता
झूठा कोई अभिमान नहीं होता
चूकि जानवर इंसान नहीं होता
इसीलिए जानवर जानवर होता है.


नोचता है , खोचता है
दूर से झपटता है
भूख लगती है
तो जान भी लेता है
चुकि जान को लेता है
इसीलिए जानवर जानवर होता है.


जब प्यार करता है तो प्यार करता है जानवर
दुलार करता है तो दुलार करता है जानवर
झूठा कोई ईमान नहीं होता
जानवर सच में बेईमान नहीं होता
चुकि जानवर कभी बेईमान नहीं होता
इसीलिए जानवर जानवर होता है.


ठोकता सलाम है हाथों को जोड़
दुश्मनों के हौसले को देता है तोड़
मालिक के खातिर जान को देता है
मालिक के जान को भगवान सा समझता है
चुकि जरूरत पड़ने पे जान को देता है
इसीलिए जानवर जानवर होता है.


झूठी बात ना समझता है जानवर
औरों की निंदा कर ना हँसता है जानवर
पूंछ डुलाके दिखता है प्यार
गुस्सा आये तो करता है वार
गाली देने को जुबाँ नहीं होती
किसी को नाहक नहीं बुरा भला कहती
क्योकि जानवर बेजुबान होता है
इसीलिए जानवर जानवर होता है.


जानवर कभी शैतान नहीं होता
जानवर का कोई भगवान नहीं होता
जानवर का कोई ना होता है वेश
आगे जाने की कोई नहीं रेस
जाति नहीं होती , धर्म नहीं होता ,
जानवर का कोई देश नहीं होता
चुकि जानवर का देश नहीं होता
इसीलिए जानवर जानवर होता है.



अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी