Saturday, April 16, 2011

अपवाद




सड़कों पे चलती महिलाओं पे बुरी नजर डालते हो

याद आती नहीं ?
तुम्हारी भी बीबी , बहन हैं , क्या इनकी
फरियाद नहीं सताती ?


पर ये अगर सड़कों पे चलती महिलाओं पे लाईन मारते हैं
तो ध्यान मत दो , इनकी और बात है
उपदेश औरों पे लागु होने के लिए होते हैं
कानून है समाज का , और ये अपवाद हैं .




अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी


समाज का हिस्सा




पापा सुरेश तो एक्जाम में फेल हो गया .

महेश को चीटिंग में जेल हो गया
गणेश स्कूल छोड़ने में रेल हो गया
और रमेश का इन सबसे मेल को गया
और आप पूछते हैं मेरा रिजल्ट
क्या मैं समाज का हिस्सा नहीं ?


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी


काने को काना कहना

ये जो नगीना है

बड़ा सयाना है
देखो कि बांधे सर पे
केसरी बाना है
चलता है ऐसे जैसे
कोई वीर राणा है
सच में नगीना सिंह
बड़ा मरदाना है .


छोटा भी दुनिया में
बड़ा भी दुनिया में
ऊँच नीच जात पात
छुआ छुत दुनिया में

पर एक आँख से देखे सबकुछ
एक समान हीं माने सबकुछ
ऐसा मस्ताना है
भले हीं एक आंख का काना है
पर आना है बाना है
नगीना सिंह सच में
बड़ा वीर मरदाना है.


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी





चार प्रोफेसनल्स के गोल

बॉस के जीवन का गोल

पैसा
बाई हुक ऑर बाई क्रुक.


तुम्हारे जीवन का गोल
पैसा
बट बाई हुक ओनली.


उसके जीवन का गोल
पैसा
विथ रेसपेक्टेड लाइफ स्टाइल.


और मेरे जीवन जीवन का गोल
ईश्वर
बट
पोस्टपोंडेड फार नेक्स्ट लाइफ .


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी