Saturday, June 13, 2009

मरहूम

खुदा के दीदार से यूँ ही नहीं रहा वो मरहूम ,
तमाम उम्र गुजरी उसकी , छत उजाडने में , सवारने में ।


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ़
बेनाम कोहडा बाजारी