Tuesday, November 22, 2011

पुत्र के प्रश्न





















पुत्र : पापा आज छुट्टी क्यों है स्कूल में ?
पिता : बेटा आज १४ नवम्बर है
आज चिल्ड्रेंस डे है .

पुत्र : ये चिल्ड्रेंस डे क्या होता है ?
पिता : आज चाचा नेहरु का बर्थ डे है .

पुत्र : लेकिन मेरे तो केवल सोनू चाचा है
ये चाचा नेहरु कौन है , आपने कभी बताया नहीं ?
पिता : ये इंडिया के फर्स्ट प्राईम मिनिस्टर थे .

पुत्र : तो ये प्राईम मिनिस्टर क्या होता है ?
पिता : वो जो देश को चलाता है .

पुत्र : तो फिर आप देश क्यों नहीं चलाते ?
पिता : प्राईम मिनिस्टर के पास बहुत ताकत होती है .

पुत्र : क्या स्पाईडरमैन से भी ज्यादा ?
पिता : नहीं स्पाईडरमैन से कम .

पुत्र : तो क्या आपके पास ताकत नहीं है ?
पिता : मेरे पास भी ताकत है, मै घर चलाता हूँ.

पुत्र : पर आपके पास प्राईम मिनिस्टर का ताकत क्यों नहीं है ?
पिता : बेटा तुम बड़े होकर समझ जाओगे .

पुत्र : पर मैं अभी क्यों नहीं समझ सकता ?
पिता : बेटा समय के साथ तुम ये भी समझ जाओगे.

पुत्र : पर मुझे अभी समझना है .
पिता : तो ठीक है , पहले ये कार चला के दिखाओ .

पुत्र : मैं तो अभी छोटा हूँ.
पिता : हाँ बेटा तुम अभी छोटे हो 
जब बड़े हो जाओगे तो कार भी चला लोगे ,
और ये भी समझ जाओगे की देश प्राईम मिनिस्टर ही चलाता है .

पुत्र : अच्छा चाचा नेहरु कहाँ है ?
पिता : क्यों , जानकर क्या करोगे ?

पुत्र : अरे शाम हो गई न .
पिता : हाँ तो उससे क्या .

पुत्र : चाचा नेहरु के साथ बर्थ डे सेलिब्रेट करना है .
पिता : लेकिन चाचा नेहरु तो मर गए ,
यानी इस दुनिया में नहीं रहे .

पुत्र : तो फिर उनका बर्थ डे सेलिब्रेट क्यों करते हैं ?
पिता : अच्छा इन्टेलीजेंट तुम की मैं ?

पुत्र : पापा मैं..मैं .
पिता : तो तुम्ही बताओ क्यों ?

पुत्र : पापा मुझे पता नहीं .
पिता : बेटा तो मुझे भी पता नहीं .

अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

Thursday, November 10, 2011

सरकार और बाबा आदम


















बाबरी मस्जिद के ढहने पे कोई टोके नहीं
गोधरा हत्या कांड पे कोई बोले नही

सी. डब्लू. जी. घोटाले हो तो हो
२-जी स्कैम हो तो कुछ ना कहो  

१९८४ सिख हत्या कांड को कोई गलत नहीं ठहराये
और चारा घोटाले को सब सही ही बतलाये

लोकपाल की बात जरूर करती है
पर लोक पाल लाने से बहुत डरती है

कि जो कुछ भी करे उसे कोई गलत बताने वाला ना हो
अगर हो कोई इस दुनिया में तो इसकी हर बात से सहमत हो

रहना चाहती है सरकार इस दुनिया में बाबा आदम की तरह
इव और सर्पेंट के साथ




अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

Monday, November 7, 2011

मौन व्रत


नहीं धारण कर सकता मौन व्रत मैं
सोमवार से शनिवार तक
ऑफिस में 
रोजी का सवाल है

और

रविवार को घर पे
दिनभर
रोटी का जंजाल है  


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी



स्त्री और पुरुष

















 

दो भिन्न प्रजाति
भिन्न शरीर
भिन्न भाव
भिन्न भाषा
भिन्न आशा
भिन्न अभिलाषा

कहते नहीं मन की बात.
समझते नहीं अनकही बात  

फिर भी
साथ रहे बिना रह नहीं सकते

और
साथ लड़े बिना चल नहीं सकते


कुत्ते और बिल्ली सा है
संबंध  
स्त्री और पुरुष का


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी