न्यायाधीश जैसे शब्दों का औचित्य
मृगमरीचिका कि भांति ही
अस्तित्व से परे है ।
क्योंकि
न्यायाधीश न्याय नहीं करते
बल्कि फैसले देते है ।
बेनाम कोहडा बाजारी
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन
मृगमरीचिका कि भांति ही
अस्तित्व से परे है ।
क्योंकि
न्यायाधीश न्याय नहीं करते
बल्कि फैसले देते है ।
बेनाम कोहडा बाजारी
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन