बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
पिता श्रीनाथ आशावादी और पुत्र बेनाम कोहड़ाबाज़ारी की रचनाएँ.
Wednesday, March 23, 2011
बच्चों की होली
बच्चों के संग
होली एक जंग
देखो बचे कोई नहीं
बिन खेले रंग .
दौड़े धूपे बच्चे सब
फेकें पिचकारी
और बच्चों के आगे
तो चाची भी हारी .
चाची भी हारी कि
जोश है खरोश है
नटखटपन पे बच्चों के
जमाना मदहोश है .
अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
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