बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
पिता श्रीनाथ आशावादी और पुत्र बेनाम कोहड़ाबाज़ारी की रचनाएँ.
Monday, December 29, 2008
विस्मरण
याद करने की हद से गुजर जाता है , जैसे याद कोई ।
इश्क ठीक वैसे ही , आज मेरे जेहन में शामिल है ।
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन
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