Tuesday, December 30, 2008

हमार गाँव

अंगना में सोना जइसन उतरल किरिनिया की ।

देखि जिया हुलसेला मोर , कि देखि जिया हुलसेला मोर ।


कुहू कुहू कुहुकेले , काली रे कोइलिया

काली रे कोइलिया ।

मह मह महकेला , आम के मंजरिया

आम के मंजरिया ।

रस रस टपकेला , महुआ जे गछिया कि

बिनत में होखे लागल भोर , कि बिनत में होखे लागल भोर ।
गेंदवा के फुलवा से सोनवा लाजाइल
रहर के छिमिया में दाना भर आइल
दाना भर आइल ।
झुकी झुकी हँसे लागल तिसिया सहेलिया , की चिरई मचावे लागल शोर ।
की चिरई मचावे लागल शोर ।
पानी खतिर ईनरा पर , जुटे सब गोरिया
जुटे सब गोरिया

सर पे गगरिया और लचके कमरिया लचके कमरिया

झूमी झूमी चले सब लेके गगरिया , की फहरेला सरिया के कोर

की फहरेला सरिया के कोर ।

धरती के हरिहर सजल चुनरिया

आइल बसंत ऋतू महकल डगरिया , माहकल डगरिया

आशावादी ऋतुराज खुसिएसे छिरकेले , फूल के पराग चारो ओर ।


श्रीनाथ आशावादी

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