Saturday, April 16, 2011

काने को काना कहना

ये जो नगीना है

बड़ा सयाना है
देखो कि बांधे सर पे
केसरी बाना है
चलता है ऐसे जैसे
कोई वीर राणा है
सच में नगीना सिंह
बड़ा मरदाना है .


छोटा भी दुनिया में
बड़ा भी दुनिया में
ऊँच नीच जात पात
छुआ छुत दुनिया में

पर एक आँख से देखे सबकुछ
एक समान हीं माने सबकुछ
ऐसा मस्ताना है
भले हीं एक आंख का काना है
पर आना है बाना है
नगीना सिंह सच में
बड़ा वीर मरदाना है.


अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी





No comments:

Post a Comment