Thursday, January 1, 2009

नेत्रदान

नेत्रदान के पक्ष में थे डाक्टर राजदान ।
मैंने कहा क्षमा करें श्रीमान ।
क्षमा करें श्रीमान की लगाकर आँख हमारी ।
अगर किसी अंधे ने लड़की पे मारी ।
तो तुम्ही कहो उस अंधे का क्या बिगरेगा ।
आँख हमारी , पाप हमी को लगेगा ।


सौजन्य
मिस्टर बिश्नोई

1 comment: