शेर : परिवार बनेला बहू के प्यार देला से
ससुरार सजेला दुलहिन के दुलार देला से
“आशावादी” के रउआ बतिया समझ ली
घर में बहार आए बहू के सत्कार देला से .
गीत: काहे दूँ बलमुआ सखी बड़ा मन भाएला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला
ससुर हउअन बाबूजी आ सास महतारी
छोटकी ननदिया हीय जनवो से प्यारी
गोदी के बालकवा के बोली मीठ लागेला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला
छोटका देवरा के बतिया निराला
हँसी हँसी बात करे मन मुसकला
बलमा के देखि देखि मन मुसकाएला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला
हम हंई सीताजी बलमुआ ह रामजी
हमरो जिनीगिया के उहे भगवानजी
प्रेमवा के नदिया में मनवा नहाएला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला
घरवा बहारेनी त भोरे के किरीनियाँ
अंगना में छिड्केले सोनवा के पनिया
“श्रीनाथ आशावादी” बड़ा मन लागेला
हमरो ससुरवा सखी बड़ा नीक लागेला
“श्रीनाथ आशावादी”
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