पैसे के पीछे तू खुद को इतना क्यूँ भगाए .
इस पैसे ने देखो तुझको कैसे दिन दिखाए .
गद्दे मखमली घर तेरे पर नींद तुझे सताए
नेट-मोबाइल हाथों में पर , दोस्त नहीं घर आए.
बना लिए घर इतने सारे , और कितने मकान.
पर रहते इनमे तुम ऐसे , जैसे एक मेहमान .
फ्रिज टी. वी. कार आदि , भोगे सारे सुख .
लुटा दिए तुमने सारे , इनपे पेट की भूख .
म्यूजिक सिस्टम अनगिनत पर गीत नहीं हैं भाते .
ह्रदय रोग डाईबीटीज आदि तुम्हें बहुत सताते .
तेरे पैसे से आते मेवा पर खाते नौकर चाकर .
और तुझे टेबलेट ईन्जेक्सन देते डाक्टर आकर .
तेरा जीवन उत्पीड़न चिंता ,गम दुःख और हाय.
बेनाम हितैषी तेरा तुझको , सुझा रहा उपाय .
ये पैसा हीं इनके पीछे , ये सब इसका हीं है काम,
हर लूँ तेरे दुःख सारे कि मुझको दे दो पैसे तमाम .
अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
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